बात बहोत हो चुकी है हिन्दू और मुसलमान की
आओ बात करें हम सब मिलकर हिदुस्तान की
हम सोचें की दिया क्या हमने अपने देश को
कितने फायदे में रहे हैं हम अपना ईमान बेच के
मंदिर मस्जिद के नाम पर हम कब तक तोड़े जायेंगे
जाती पातीं के नाम पर हम कब तक खून बहायेंगे
एक पिता की हम संताने जब आपस में ही टकरायेंगे
फिर अपने दुश्मन से घर अपना कैसे बचायेंगे
अगर पुरानी गलती को हम बार बार दोहराएंगे
अपने ही हाथों से फिर हम अपना घर जलाएंगे
एक साथ मिलकर जब हम देश को आगे बढ़ाएंगे
उन वीर शहीदों के सपनों सा भारत देश बनायेंगे