कुल पेज दृश्य

रविवार, 14 अगस्त 2011

MERE PAYARE WATAN HIND KE LIYE...


बात बहोत हो चुकी है हिन्दू और मुसलमान  की
आओ  बात करें हम सब मिलकर  हिदुस्तान की

हम सोचें की दिया क्या  हमने अपने देश को
कितने फायदे  में रहे हैं हम अपना ईमान  बेच के

मंदिर मस्जिद के नाम पर हम कब तक तोड़े जायेंगे 
                             जाती पातीं के नाम पर हम कब तक खून बहायेंगे

एक पिता की हम संताने जब आपस में ही टकरायेंगे
फिर अपने  दुश्मन  से  घर अपना कैसे बचायेंगे

अगर पुरानी गलती को हम बार बार दोहराएंगे
अपने ही  हाथों से फिर हम अपना घर जलाएंगे

एक साथ मिलकर जब हम देश को आगे बढ़ाएंगे
उन वीर शहीदों के सपनों सा  भारत देश बनायेंगे



 
 


बुधवार, 10 अगस्त 2011

AAJ KA DAUR...

 मत पूछो इस दुनिया में मैंने क्या क्या देखा है
  रावण की इस   नगरी में राम को जलते देखा है

रिश्तों के देखे बाज़ार, mamta को bante देखता है
jo रखवाले थे उनके द्वारा मैंने घर लुटते देखा है

 और कहूँ क्या इससे ज्यादा मैंने क्या क्या देखा है
 मुर्दों की इस बस्ती में  जिन्दों को जलते देखा है

 कोई किसी का नहीं यहाँ पर कैसे दुश्मन कैसे दोस्त
 मतलब के सांचे में  bas रिश्तों को ढलते देखा है

=============================