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सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

RAFTAAR...

किसी बड़ी कंपनी में कार्यरत एक आदमी अपनी कार में तेज़ रफ़्तार से कहीं जा रहा था. तभी किसी ने उसकी चमचमाती गाड़ी पर पत्थर दे मारा. उसने गुस्से में गाड़ी को पीछे किया तो देखा की एक बच्चा वहां सहमा हुआ खड़ा था. गुस्से से उस  आदमी ने बच्चे को झिड़कते हुए कार पर पत्थर मारने  की वजह पूछी. बच्चे ने माफ़ी मांगते हुए बताया की उसका छोटा भाई अपनी व्हील चेयर से गिर गया है. वह लाख कोशिश के बावजूद उसे उसकी व्हील चेयर पर बैठा नहीं पा रहा है इसलिए उसने मदद मांगने के लिए ऐसा करना पड़ा.वो आदमी थोडा नरम पड़ा. उसने छोटे भाई को कुर्सी पर बैठाया और बच्चे को समझाया की उसे आवाज़   देकर मदद मांगनी चाहिए थी.
बच्चे का जवाब था की उसने बहोत कोशिस की , लेकिन तेज़ रफ़्तार गाड़ियों के शोर में किसी ने भी उसकी आवाज़ नहीं सुनी. उस आदमी ने अपनी कार पर पड़ा  पत्थर का वो निशान कभी नहीं ठीक कराया.
--- ज़िन्दगी की रफ़्तार को इतनी तेज़ न होने दें क़ि किसी क़ि मदद क़ि गुहार भी आप तक न पहुंचे ---

2 टिप्‍पणियां:

  1. Article like this doesnt show blasting effect at once but dats the truth it realize us that what we are missing..thanx 4 such a initial step that u took by this blog that realize us 4 a second 'the lifestyle we have is just...a Race!!

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